✅सिटीजन आई केयर आपकी आंखों से जुड़ी 16 बीमारियों का निवारण के उपचार एवं लक्षण सारे हमारे आर्टिकल में उपलब्ध है।
✅भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा निकाली गई एक सेवा है इस सेवा के अंतर्गत आपकी आंखों से जुड़ी जितनी भी समस्याएं हैं आप उसकी जानकारी इसमें ले सकते हैं इस सेवा का लाभ उठाने के लिए आपकी आंखों के लक्षणों को जानने के लिए आप आपकी आंख में कौन-कौन सी बीमारी है जैसे आपकी आंखों के लक्षण को पहचानने के लिए यह सेवा उपलब्ध है अगर आपकी आंखों में गंगा पर आंखों में काले धब्बे आंखों में कुछ महसूस हो रहा है या जलन हो रही है संवेदनशीलता है खुजली है आंखों में दर्द है आंखों पर गांठ है सूखापन है पानी आ रहा है चिपचिपा लग रहा है सर दर्द हो रहा है।
धुंधलापन दिख रहा है आपके निकट दृष्टि है दूर दृष्टि है आंखों लाल हो रहे हैं जैसे कोई भी समस्या है तो आप इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
Table of Contents
🔴आंखों के बीमारियों को कैसे पहचाने उसके लक्षण
🔴1.लाल आंखें
जब आंखों के रक्त वाहिनी में बहुत ज्यादा खून फैल जाता है जरूर से ज्यादा हो जाता है तब हमारी आंखें लाल नजर आने लगती है।
इसके कारण क्या है
ज्यादा समय तक कंप्यूटर या कंप्यूटर के स्क्रीन की तरफ देखना या फिर कंप्यूटर पर काम करना ,आंखों को रगड़ने से,आंखों की एलर्जी ,नींद से जुड़ी गलत आदतें गलत समय पर सोना सही से नहीं उठाना सही टाइम पर नहीं सोने से ,आंखों का सूखापन ,आंखों में चोट लगा।
🔴2.दृष्टि में धुंधलापन
आंखों से कम नजर आना आंखों की नॉर्मल सी प्रॉब्लम है यह परेशानी आंखों से धुंधला दिखने या दूर या नजदीक के लिए दोनों में से किसी में भी हो सकता है या फिर दोनों के लिए भी हो सकता है
इसके क्या कारण है
दृष्टि का दोष ,चश्मा लगा ,आंखों का सूखापन, आंखों पर चढ़ा तनाव ,आंखों से जुड़ी बीमारी जैसे कि मोतियाबिंद का बिंदु और मधुमेह से संबंधित व्यक्तियों
🔴3.सर दर्द
अगर आपके सर के किसी भी हिस्से में दर्द हो रहा है तो यह आपकी आंखों से संबंधित समस्याएं हो सकते हैं
इसके कारण क्या है
माइग्रेन बीमारी , चोट आंख पर चोट ,दूर दृष्ठिता, उम्र बढ़ाने के साथ-साथ पास के वस्तुएं धुंधली नजर आने लगते हैं
🔴4. आंखों से पानी आना
अगर आपका आना खुद से आंसू बिना किसी वजह से टपक जा रहे हैं तो यह भी आपके आंख खराब होने की एक निशानी है
इसके क्या कारण है
अगर किसी भी तरह से हमारे आंख पर बाहर के धूल या मिट्टी अंदर चले जाते हैं,आंखों की एलर्जी ,आंखों का संक्रमण, आंसू वाहिनी के अवरोध ,कुछ आंखों की बीमारी जैसे चिड़कली साइंस का संक्रमण वेल्स पॉलिसी एक्स्ट्रा
🔴5.आंखों में चिपचिपा रिसाव या पानी
अगर आपकी आंखों से लगातार पानी गिर रहे हैं या डिस्चार्ज हो रहा है या आंख में एक संक्रमण है तो यह एक बीमारी का लक्षण है लेकिन अगर आपके आंख के नाक के कोने में थोड़ी की मात्रा में गंदगी जमी हुई है तो यह एक सामान्य बात है इसमें डरने की कोई दिक्कत नहीं है
.चिपचिपा पानी आना या रिसाव इसके क्या कारण है
आंखों की एलर्जी ,आंख खाना ,नेत्र पटल की सूजन ,स्थाई कॉन्टैक्ट ,लेंस से संबंधित ,आंखों में संक्रमण
🔴6.आंखों का सूखापन
आंखों में जब चिकने खत्म हो जाती है पोषण वाले आंसू बने बंद हो जाते हैं तो आंखों में सूखापन की समस्या होती है
इसके क्या कारण है
ज्यादा देर तक मोबाइल लिया कंप्यूटर पर देखना ,नियमित रूप से पलक को न झपकना ,पलकों की सूजन ,गठिया ,मधुमेह और थायराइड जैसे समस्या
🔴7.आंखों के ढक्कन पर गांठ
आंख की अंदरूनी सतह पर गांठ हो सकता है या सूजन हो सकता है हो सकता है कि में दर्द ना हो या फिर शायद दर्द हो और साथ में लालिमा भी हो
करण
इस टाइप फलों के किनारो के पास एक लाल और दर्दनाक गांठ जैसे, फुंसी की तरह दिखाई देती है, तेल ग्रंथियां की रुकावट की वजह से ,फुंसी की तरह दिखाई देता है
🔴8.आंखों में दर्द
आंखों में दर्द के कई सारे कारण हो सकते हैं इसके लिए आपको यह पहचान जरुरी है की आंखों में कौन से हिस्से पर प्रभावित हुआ है उसके आधार पर आप दर्द की पहचान कर सकते हैं
करण
आंख पर खरोच आना एलर्जी होना नेत्र संक्रमण होना अवसर या आंख आना
🔴9.आंखों में खुजली
आंख के अंदर जगह पर कोई खरोच होने का कारण आमतौर पर जैसे धूल पड़ जाना कंकर पड़ जाना या फिर कोई एलर्जी का कारण हो सकता है इसकी वजह से आपकी आंख में खुजली हो सकती है
करण
एलर्जी ,आंखों में सूखापन
🔴10.प्रकाश संवेदनशीलता
आमतौर पर ज्यादातर बीमारी पाई जाती है आंखों के लिए इससे बहुत सारे लोग परेशान होते हैं की बहुत ज्यादा रोशनी में होने पर उनके और सुविधा महसूस होती है और आंखों में दर्द होने लगती है
इसके क्या कारण है
घर्षण होना , आंख के बाहरी परत पर चोट लग जाना ,आंखों का सूखापन होना ,या कुछ दावों के कारण भी हो सकते हैं
🔴11.आंखों में जलन
ज्यादातर आपको यह देखने को मिलेगा की आंखों के आसपास के क्षेत्र में अगर थोड़ी सी भी परेशानी हो तो हम उसमें जलन का एहसास होने लगता है
इसके क्या कारण है
ज्यादातर स्क्रीन के बहुत देर तक काम करने से भी आंखें सूख जाती हैं ,और हमारी आंखों पर बहुत तरह के धूल,दुआ इत्यादि पढ़ने की वजह से भी जलन होने लगती है ,बाहरी कांड जैसे ही हमारे आंखों में जाते हैं तो हमारे आंखों में जलन होने लगती है
🔴12.आंखों का तिरछापन
आंखों का तिरछापन मतलब की दोनों आंखों एक दूसरे के पास हो या या फिर दोनों आंखें एक साथ किसी सामान को ना देख पाए
इसके क्या कारण है
यह जन्म से ही ऐसा होता है ,बच्चे तिरछी आंखों के साथ ही पैदा होते हैं ,लेकिन कुछ केस में बच्चे 6 महीने में विकसित हो जाते हैं ,तो कहीं पर या ऐसा ही रह जाता है, कई बार यह पूर्वजों से चला आ रहा होता है,यह वंशज होता है ,यानी किसी ऐसे परिवार की परेशानी जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चली जाती है
🔴13.आंखों में काले धब्बे होना
हमारे आंखों में छोटे-छोटे तैरने जैसे धब्बे या फिर तार दिखाई देते हैं जो की आंखों के उसे पर दिखाई देते हैं इसे फ्लोटर्स आई फ्लोटर्स कहा जाता है यह ज्यादातर आंखों में परेशानी का कारण नहीं बनते हैं
इसका कारण क्या है
चश्मे का ज्यादा नंबर हो जाना ,डायबिटीज रोगी को होता है ,आंख में चोट लग जाने से होता है, या बूढ़ा हो जाने से होता है
🔴14.आंखों में कुछ महसूस होना
अगर आप अपने आंखों में कुछ महसूस कर रहे हैं तो यह ज्यादातर पराबैंगनी के कारण होता है कुछ धूल या फिर रेट के कर हमारे आंखों में पड़ जाते हैं तो इससे भी हमारे आंखों में परेशानी होती हैं लेकिन लेकिन जरूरी नहीं कि हमारे आंखों में आप कुछ गया हो या फिर कुछ हुआ ही हो कई बार या ऐसे भी हमारे आंखों में कुछ महसूस होने लगता है
इसकी क्या कारण है
आंखों में सूखापन होना ,यह हमारा आंख के अंदरूनी सतह पर नेत्र पता पर घर्षण होना,या हमारी आंख के अंदर पर कट जाना,या फिर घाव हो जाना ,आंख का फटना ,या फिर अल्सर होना
🔵नेत्र रोग
नागरिक आंखों की सामान्य बीमारियों के बारे में अधिक जानने के लिए इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं, ताकि शुरुआती पहचान हो सके और उचित उपचार प्राप्त हो सके. यह संरचनात्मक विवरण के साथ आंखों की बुनियादी जानकारी भी प्रदान करता है. इन बीमारियों में मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, कॉर्नियल ब्लाइंडनेस, डायबिटिक रेटिनोपैथी, हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी, मैकुलर डिजनरेशन, बचपन का अंधापन, आंखों की चोटें, बच्चों में रिफ्रैक्टिव समस्याएं, वयस्कों में रिफ्रैक्टिव समस्याएं, पर्टिजियम, कंजंक्टिवाइटिस, स्टाई, स्क्विंट (क्रॉस आई), डैक्रियोसिस्टाइटिस, पटोसिस और प्रीमेच्योरिटी रेटिनोपैथी शामिल हैं
🔵नेत्र की संरचना और कार्य
🔵1.आँख का कोटर
यह आंख के पीछे स्थित है ।, जो नेत्रगोलक के कार्यों को अधिकतम करने में मदद करता है, रक्षा करता है और मदद करता है।
🔵2.नेत्रगोलक (Eye Balls)
हमारी दो आंखें गोलाकार होती हैं, समन्वय के साथ चलते हुए हमें सभी दूरियों पर स्पष्ट रूप से देखने में मदद मिलती है।, आंख के सामने सफेद अपारदर्शी भाग को स्क्लेरा कहा जाता है, बीच का काला पारदर्शी भाग नेत्र पटल (cornea) कहलाता है।, केंद्र के छोटे काले छिद्र को को पुतली (Pupil) कहा जाता है जो रंगीन पैटर्न वाले हिस्से से घिरा होता है जिसे आइरिस (Iris) कहा जाता है जो आंख में केंद्रित प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है।, दृष्टि पटल (Retina), नेत्रगोलक के सबसे भीतर का पटल है यह आँखों के पश्चक (Posterior Chamber) में अवस्थित है जो वस्तुओं की छवियों को प्राप्त करता है।
🔵3.पलकें (Eyelids)
पलकें नेत्रगोलक के सामने दरवाजे की तरह होती हैं, ऊपरी और निचली पलकें आंखों को साफऔरआँसुओं से नम करने में मदद करती हैं।, बंद होने पर वे पूरी तरह से आंखों के गोले को ढक लेती हैं।,वे आंखों को धूल, धुएं और चोटों से बचाती हैं।
🔵4.नेत्रपटल
दुनिया को स्पष्ट देखने के लिए एक खिड़की की तरह है ।, आंख के सामने गुंबद के आकार की पारदर्शी संरचना है ।, कॉर्निया हमारी आंखों में आने वाले प्रकाश को केंद्रित करने में मदद करता है ।
🔵5.आँख की पुतली (Iris)
यह नेत्रपटल के पीछे होती है जो एक गोलाकार रंगीन परितारिका होती है जिसमें एक छेद (पुतली) होती है।, कैमरे के शटर की तरह काम करता है और आंखों में प्रकाश के प्रवेश को नियंत्रित करता है।
🔵6.आँखों की लेंस (Crystalline Lens)
पुतली के पीछे स्थित होती है ।, प्रकाश के पारित होने के लिए पारदर्शी लचीली संरचना (बाह्य गोलकृत; जिसे रेटिना पर सही फोकस के लिए बढ़ाया / घटाया जा सकता है)
🔵7.Retina (दृष्टिपटल)
आंख के पिछले हिस्से में एक प्रकाश संवेदनशील आंतरिक परत होती है |, रेटिना प्रकाश को संसाधित करने के लिए Rod और cone नामक विशेष कोशिकाओं का उपयोग करती है।,यह दृश्य संदेश को मस्तिष्क तक पहुंचाया जाता है।
🔵8.विटरेउस कैविटी
ये लेंस के पीछे आंख का सबसे बड़ा हिस्सा है।,यहाँ जेली जैसी पदार्थ से भरा होता है जो आंख के गोलाकार आकार को बनाये रखने में मदद करता है।
🔵9.Optic Nerve(आँखों की नस)
यह आंख के पीछे स्थित है । जो नेत्रों को उसीकी जगह टिके रेहने में,उसकी रक्षा एवंम कार्य में कुशलता बनी रहने में मदद करता है ।
🔵10.Lacrimal gland(अश्रु – ग्रन्थि)
बादाम के आकार की संरचना है जो दोनों आंख में एक-एक होती है।, आँख के कोटर के ठीक ऊपर स्थित है।, आंखों में आंसू पैदा करति है ,और आँखों को खासकर नेत्रपटल को नम रखती है।
🔵11.Optics of the eye (आंख के प्रकाशिकी)
हमारी आंखे एक अद्भुत प्रकाशीय प्रणाली है,जिसमे कॉर्निया (नेत्रपटल )और लेंस आंख की प्रकाश संवेदनशील (दृष्टिपटल)परतों पर छवियों को केंद्रित करने के लिए एक साथ कार्य करते हैं।, अलग-अलग दूरी पर रेटिना (दृष्टिपटल) पर एक छवि प्रदान करने के लिए लेंस संयोजित करती है।
🔘नेत्र रोगी
🔘1. मोतियाबिंद
मोतियाबिंद (लेंस की अस्पष्टता)
समस्या
आँख का लेंस अपनी पारदर्शिता खो देता है और प्रकाश की किरणों को रेटिना तक नहीं जाने देता जिससे अंधापन हो जाता है।मोतियाबिंद एक आंख में या में हो दोनों आँखों में सकता है।
आयु
बुढ़ापा अर्थात वृद्धावस्था के कारन होता है (55 से 60 वर्ष की आयु के बाद),यह जन्म से (जन्मजात) या बाद में चोट,चोट/संक्रमण के कारण हो सकता है।,मधुमेह के रोगियों में इसकी संभावना अधिक होती है।
लक्षण
दृष्टि का बढ़ता नुकसान / मंद दृष्टि,रात में गाड़ी चलाने में दिक्कत,कम प्रकाश में पढ़ने में परेशानी,चकाचौंध/प्रकाश के प्रति अतिसंवेदनशीलता/सहेन न कर पाना
निदान
मोतियाबिंद की सर्जरी सरल, त्वरित, दर्द रहित सर्जरी होती है, जिनमें से कुछ बिना टाके/सीवन के भी होती हैं। सामान्य लेंस के स्थान पर कृत्रिम लेंस लगाकर इसका उपचार किया जाता है।
🔘2.काँचबिंद
ग्लूकोमा एक नेत्र रोग है जो आँखों की नसों को क्षति का कारण बनता है।,हमारी मानव आँख स्पष्ट तरल से भरी हुई है और,यह लगातार बनती और बहती रहती है और हमारी आँख के दबाव को सामान्य रखती है ।,किसी भी रुकावट के कारण आंख में अतिरिक्त तरल पदार्थ आ जाता है, आंख के अंदर दबाव बढ़ जाता है और दृष्टि हानि होती है।
आयु
आमतौर पर 40 साल और उससे ज्यादा उम्र ।,ग्लूकोमा का पारिवारिक इतिहास,मधुमेह के रोगियों में इसकी संभावना अधिक होती है।
लक्षण
शुरू में कोई लक्षण नहीं दिखना,दृष्टी में कमी,आँखों में तरह इंद्रधनुष तरह चमकाहट,बार बार चश्मा बदलने की जरूरत है।,बारंबार सुबह में सिरदर्द ।
सलाह
आँख के अंदर के दबाव और दृष्टी की नियमित रूप से जाँच करते रहना चाहिए यदि आंख की क्षति और दृष्टि की हानि जारी रहती है, तो चिकित्सा उपचार के बावजूद, अंधेपन को रोकने के लिए लेजर और सर्जरी आवश्यक है।
निदान
विभिन्न शल्य चिकित्सा के तरीकों से आंख के अंदर दबाव कम करना,उपयुक्त आई ड्रॉप का उपयोग जारी रखें ।,विशेष आँखों के अस्पताल में लेजर उपचार या सर्जरी ।
🔘3.नेत्रपटल से जुड़ा अंधत्व
आघात, संक्रमण और कुछ गलत दवाओं जैसे विभिन्न कारणों से नेत्रपटल से जुड़ा अंधत्व का डर या नजर में अस्पष्टता या,दृश्य हानि का कारण बनता है
कारण
नेत्र आघात,विटामिन ए की कमी,माइक्रोबियल संक्रमण के प्रभाव के बाद,जन्मजात रोग
लक्षण
आंखों में तेज दर्द,धुंधली दृष्टि / धुंधली दृष्टि,फोटोफोबिया / प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता पानी,आँखों में पानी आना
रोकथाम
विटामिन ए से भरपूर आहार या गोलिया,आंखों की समस्याओं के लिए खुदबखुद लाये हुए दवाओं से बचना,साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए, टोपी और धूप का चश्मा पहनकर
निदान
नेत्रपटल से जुड़ा अंधत्व का निश्चित उपचार कॉर्नियल ट्रांसप्लांट या कॉर्नियल ग्राफ्ट है।
🔘4.मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी
यह मधुमेह की एक जटिलता है जो आंख के पिछले हिस्से (रेटिना) को नुकसान पहुंचाती है।,कुछ समय बाद में यह अंधापन का कारण बन सकता है।
जोखिम का कारण
अनियंत्रित शर्करा स्तर,लंबे समय से मधुमेह है,नियमित रूप से धूम्रपान करना है,उच्च कोलेस्ट्रॉल है
लक्षण
प्रारंभिक अवस्था में, आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते,बाद के चरण में, धुंधली दृष्टि, रात में देखने में कठिनाई,आँखों के,सामने कुछ डब्बहे और धारियाँ घूमना,रंग भेद करने में कठिनाई
रोकथाम
प्रारंभिक उपचार से अंधेपन को रोका जा सकता है।,ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल के स्वस्थ स्तर को बनाए रखना,नियमित व्यायाम, वार्षिक नेत्र परीक्षा,अगर आप धूम्रपान करते हैं तो धूम्रपान छोड़ दें
निदान
दवाएं- स्टेरॉयड, एंटी वीईजीएफ़ और लेजर उपचार, नेत्र शल्य चिकित्सा।,उपचार समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है लेकिन इसे ठीक नहीं किया जा सकता है।
🔘5.उच्च रक्तचाप से रेटिनोपैथी
यह उच्च रक्तचाप की वजह से होता है, लगातार उच्च रक्तचाप आंख के पिछले हिस्से को नुकसान पहुंचाता है ।,इससे रेटिनल वाहिकाओं से खून बह सकता है और सूजन हो सकती है ।
जोखिम का कारण,
वृद्ध लोगों को जोखिम हो सकता है,आसीन जीवन शैली,नमक का अधिक सेवन,वजन ज़्यादा होना,शराब का अधिक सेवन
लक्षण
प्रारंभिक अवस्था में, आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते,बाद के चरण में, सिरदर्द और आंखों में दर्द,बादल छा जाये ऐसी धुंधली या दोहरी दृष्टि
रोकथाम
स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखता है,संतुलित आहार लें, इष्टतम वजन बनाए रखें,सब सामान्य रहे यह सुनिश्चित करने के हेतु,नियमित व्यायाम, नियमित स्वास्थ्य चिकित्सा,वं वार्षिक नेत्र परीक्षा करे
निदान
डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा के माध्यम से रक्तचाप को बनाए रखना और समयसमय पर डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता है
🔘6.आख की मैक्यूला का व्यपजनन
उम्र से संबंधित मैक्यूला का व्यपजनन है जो 50 से अधिक उम्र वाले लोगो में होनेवाली आंखों की एक आम समस्या है । यह कम / धुंधली केंद्रीय दृष्टि का कारण बनता है
जोखिम का कारण
आयु प्राथमिक जोखिम कारक है जो दूसरों की तरह हो सकते हैं,आनुवंशिकता – एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचरण,धूम्रपान, मोटापा, आसीन जीवन शैली, उच्च रक्तचाप
लक्षण
आमतौर पर बिना दर्द के धीरे-धीरे विकसित होते हैं,लहराती धुंधली केंद्रीय दृष्टि,चेहरों की पहचान करने में कठिनाई,पढ़ने/करीबी काम के लिए अतिरिक्त रोशनी चाहिए,कुछ रोगियों को केंद्रीय दृष्टि के पूर्ण नुकसान का अनुभव हो सकता है
रोकथाम
स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखता है,पौष्टिक आहार लें, इष्टतम वजन बनाए रखें,नियमित व्यायाम, वार्षिक नेत्र परीक्षा करे
निदान
वर्तमान स्तिति में कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, हालांकि पोषक तत्वों की खुराक या डॉक्टरों द्वारा निर्धारित दवाएं दृष्टि हानि को धीमा करने के लिए हैं।
🔘7.बाल अवस्था में होने वाला अंधत्व
बाल अवस्था में होने वाला अन्धत्वा बचपन में कई बीमारियों और स्थितियों के कारण होता है,बचपन का अंधापन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बाल विकास, शिक्षा और जीवन की समग्र गुणवत्ता के साथ समस्याएं पैदा कर सकता है।
कारण
विटामिन ए की कमी, खसरा, रूबेला, मोतियाबिंद, कॉर्नियल अल्सर, काला मोतिया,आरओपी,चश्मे का नंबर होना आदि।
लक्षण
अंधेपन के कारण के अलग अलग हो सकता है,रतौंधी, सफेद भाग पर पीला सूजा हुआ द्रव्यमान आंख में चुभन या दर्द, मवाद और पानी आना, दृष्टि का धुंधलापन ।
रोकथाम
प्रतिरक्षण/टीकाकरण, पूरक आहार, अनुवांशिकी परामर्श, आघात से बचने के लिए सावधानी बरतें ।
🔘8.आँख में चोट लगाना
विभिन्न कारणों से या रूप से हमारी मानव आंख घायल हो जाती हैयह मामूली खरोंच से लेकर जहरीले रसायनों या बड़े आघात तक हो सकता है जो आंखों की गंभीर चोट का कारण बन सकता है।
चोट होने के कारन या प्रकार
यांत्रिक
1.कुचलन
यह किसी भी कुंद/गोल या जो नुकीली नहीं है ऐसी वस्तु के कारण होता है जो सतह पर रक्त के रिसाव के बिना अंदर ही पर्याप्त रक्त एकत्र कर सकता है ।
2.भेदने से हुआ
एक चोट है जहां एक बाहरी वस्तु आंख में अंतर्निहित होती है, आमतौर पर सुई, छड़ी, कीनी, कांच, तीर जैसी नुकीली वस्तु के कारण पूरी मोटाई का घाव होता है।
गैर यांत्रिक
1.रासायनिक
रासायनिक आंख की चोट एसिड या क्षार जैसे पदार्थों के कारण होती है, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है।,एसिड की तुलना में, क्षार आंखों में प्रवेश करना आसान होता है।
2.थर्मल
थर्मल चोटें अपेक्षाकृत असामान्य हैं लेकिन यह एक वास्तविक चिकित्सा आपात स्थिति है, इससे गंभीर दृष्टि हानि हो सकती है।
3.विद्युत
आंख की चोट की गंभीरता वोल्टेज और बिजली के झटके की जगह पर निर्भर करती है। बिजली की चोट में मोतियाबिंद सबसे आम आंख की समस्या है।
4.विकिरण संबंधी
विद्युत चुम्बकीय तरंगें उनके प्रकार के आधार पर विकिरण नेत्र क्षति उत्पन्न कर सकती हैं: एक्स रे, अवरक्त किरणें, पराबैंगनी किरणें और गामा किरणें,जिस तरह सूरज की अल्ट्रावायलेट लाइट त्वचा को जला सकती है, उसी तरह लाल, पानी आना या आँखों को अति संवेदनशीलता बनाकर हमारी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
लक्षण
चोट के प्रकार के आधार पर भिन्न भिन्न होते है जिसमें काली आंखें, आंखों में दर्द, सूजन, बेचैनी, लालिमा और अधिक आंसू, हमारी आंखों में कुछ महसूस होना ऐसी तकलीफे शामिल हैं
निदान
चोट की गंभीरता और प्रकार के आधार पर भिन्न होता है।,कुछ मामूली मामलों में प्रभावित क्षेत्रों में ठंड लगाने से सूजन को हल करने में मदद मिल सकती है,हालांकि कुछ गंभीर मामलों में जैसे रासायनिक चोटों में तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
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🟡बच्चों में होने वाली चश्मे से जुडी समस्याएं
🟡1.दूर दृष्टिता (हाइपरमेट्रोपिया)
कम उम्र में आंखें आमतौर पर दूरदर्शी या हाइपरमेट्रोपिया होता है,यह एक ऑप्टिकल स्थिति जिसमें प्रकाश की किरणें आंख के पीछे केंद्रित होती हैं। यह तब होती है जब नेत्रगोलक बहुत छोटा होता है
लक्षण
कम उम्र में यह निकट के साथ-साथ दूर की दृष्टि में धुंधलापन और अधिक ध्यान केंद्रित करने के कारण दोहरी दृष्टि का कारण बन सकता है।,लंबे समय तक पढ़ना, मोबाइल और कंप्यूटर पर काम करना सिरदर्द और आंखों में खिंचाव का कारण बन सकता है।
जटिलता
आलसी आँख, आँखों का फड़कना, सीखने में कठिनाई
🟡2.निकट दृष्टिदोष (मायोपिया)
आम तौर पर यह प्राथमिक स्कूल जाने वाले बच्चों में सबसे पहले होता है और यह बढ़ सकता है।,एक ऑप्टिकल स्थिति जिसमें प्रकाश की किरणें आंखों के सामने केंद्रित होती हैं।
लक्षण
छोटी दृष्टि/ धुंधली और दूर दृष्टि की ओर ले जाती है, निकट दृष्टि आमतौर पर सामान्य होती है।,मायोपिक बच्चों को आमतौर पर स्कूल में ब्लैक बोर्ड पढ़ने में परेशानी होती है,आंखों में खिंचाव और आंखों में थकान भी होती है जब बच्चे ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करते हैं जो कुछ फीट की दूरी पर ही हो पाता है ।
जटिलता
गंभीर मायोपिया रेटिना की आंखों की आंतरिक संरचना, रक्त वाहिकाओं की असामान्य वृद्धि या ग्लूकोमा की समस्या पैदा कर सकता है ।
निदान
हाइपरमेट्रोपिया और मायोपिया दोनों के लिए आवश्यक है की 6 महीने से 1 साल के अंतराल में बच्चों की आंखों की जांच करानी चाहिए।,स्पष्ट दृष्टि के लिए चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस की आवश्यकता हो सकती है ।,यदि आपके बच्चे को चश्मा निर्धारित किया गया है, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि बच्चा हर समय चश्मा पहने, खासकर स्कूल में।
⚫वयस्कों में होने वाली चश्मे से जुडी आंख में होने वाली समस्याएं
⚫दूर 1.दृष्टिता (हाइपरमेट्रोपिया)
यह एक ऑप्टिकल स्थिति जिसमें प्रकाश की किरणें आंख के पीछे केंद्रित होती हैं। यह तब होती है जब नेत्रगोलक बहुत छोटा होता है
लक्षण
वयस्कों में लक्षण गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं,आमतौर पर दूर और निकट के लिए दृष्टि में धुंधलापन होता है। कभी किसी कारन वश केवल निकट दृष्टि में भी कठिनाई हो सकती है।,लंबे समय तक पढ़ना, मोबाइल और कंप्यूटर पर काम करना सिरदर्द और आंखों में खिंचाव और आंखों में पानी आने का कारण बन सकता है।
जटिलता
आलसी आँख, आँखों का फड़कना, सीखने में कठिनाई
⚫2.निकट दृष्टिदोष (मायोपिया)
यह एकऑप्टिकल स्थिति है जिसमें प्रकाश की किरणें आंखों के सामने केंद्रित होती हैं, जब आंख स्तिर स्तिति में होती है
लक्षण
निकट दृष्टिता/मायोपिया,दूर दृष्टि धुंधली कर देती है जिससे सड़क के संकेत, नंबर प्लेट आदि धुंधले दिखाई देने लगते है ,जिसके वजह से आंखों में खिंचाव और आंखों में थकान, सिरदर्द हो सकता है ।
जटिलता
गंभीर निकट दृष्टिता / मायोपिया, आंख की आंतरिक संरचना के साथ समस्याएं पैदा कर सकता है जैसे रेटिना का अलग होना, रक्त वाहिकाओं की असामान्य वृद्धि, ग्लूकोमा इत्यादि।
निदान
हाइपरमेट्रोपिया और मायोपिया दोनों के लिए आवश्यक है की : वयस्क अपना नेत्र परीक्षण 1 वर्ष के अंतराल पर किया करे और ,स्पष्ट दृष्टि के लिए चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस या दृष्टि सुधार सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
⚫3.एस्टिग्माटिसम
एस्टिग्माटिसम एक ऑप्टिकल स्थिति है जिसमें आंख की सामने वाली सतह या लेंस में बेमेल वक्रता होती है ,लोगों को मायोपिया या हाइपरमेट्रोपिया के साथ एस्टिग्माटिसम भी हो सकता है।
लक्षण
एस्टिग्माटिसम वाले वयस्कों को इस समस्या का एहसास हो सकता है लेकिन बच्चे इसकी की शिकायत नहीं किया करते ।,सामान्य लक्षण धुंधला और विकृत दृष्टि, सिरदर्द, आंखों में खिंचाव, कुछ रोगी स्पष्ट देखने के लिए सिर झुकाते हैं।
निदान
कम या मध्यम एस्टिग्माटिसम वाले वयस्कों को चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से ठीक दिख सकता है।,गंभीर एस्टिग्माटिसम वाले वयस्कों में टोरिक कॉन्टैक्ट लेंस या हार्ड कॉन्टैक्ट लेंस, स्क्लेरल कॉन्टैक्ट लेंस आदि जैसे विशेषकॉन्टैक्ट लेंस से ठीक दिख सकता है।,लेजर या अन्य अपवर्तक सर्जरी।,उम्र बढ़ने के साथ पास की वस्तुएं धुंधली लगाना।,प्रेसबायोपिया आमतौर पर दूर दृष्टिता से भ्रमित होता है लेकिन ये दोनों अलग हैं।,यह उम्र बढ़ने का एक सामान्य हिस्सा है जहां हमारी आंखों की निकट वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कमजोर हो जाती है,यह क्रिस्टलीय लेंस के लचीलेपन में कमी के कारण होता है।
लक्षण
पठन सामग्री को हाथ की लंबाई पर दूर रखने की आवश्यकता है,पढ़ते-पढ़ते आंखें बहुत जल्दी थक जाती हैं,आंखों में खिंचाव और सिरदर्द
निदान
इस ऑप्टिकल स्थिति को नीचेदिये हुए विकल्पोंसे ठीक दिखाया जा सकता है,रेडी रीडर्स (आसानी से उपलब्ध होने वाले कम मूल्य के ऐनक
बिफोकल लेंस: एक खंडित लेंस जिसमें दो अलग-अलग हिस्से हैं एक दूरी के लिए और एक निकट के लिए।
प्रोग्रेसिव लेंस: बिना किसी खंड भाग के समान लेंस ,या फिर मल्टीफोकल कॉन्टैक्ट लेंस।
⚫4.नाखूना (Pterygium)
सतही परत (कंजंक्टिवा) जो बढ़ सकती है और कॉर्निया को ढक सकती है।,Pterygium एक या दोनों आँखों में हो सकता है। जो लोग प्रभावित होते हैं वे ज्यादातर अपना समय घर से बाहर बिताते हैं
लक्षण
आंखों में लाली और जलन।,आंख में कुछ गया है ऐसा अहसास होना,यदि यह कॉर्निया पर बढ़ सकता है तो इससे दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
सलाह
धूप के संपर्क में आने से बचने के लिए टोपी या धूप के चश्मे का उपयोग, दवाएं और केवल गंभीर मामलों में आवश्यक सर्जरी।
⚫5. (आँख आना)
कंजंक्टिवा की सूजन को पिंक आई (लाल आंख /आंख आना) के रूप में भी जाना जाता है। यह एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण हो सकता है। कुछ रूप संक्रामक होते हैं जो आंख के संपर्क में आने से फैलते हैं। यह एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकता है।
लक्षण
लाली, आंख में कुछ गया है ऐसा अहसास होना, पलक का चिपकना, फोटोफोबिया, आंख से पानी आना चिपचिपी होना , कभी-कभी कंजंक्टिवा के नीचे खून भरने से आंख लाल नजर आती है
निदान
सलाह:स्वयं की देखभाल महत्वपूर्ण है- अपना तौलिया प्रतिदिन बदलें, इसे दूसरों के साथ साझा न करें,आँखों की मेकअप किट की वस्तुओं और कॉन्टैक्ट लेंस के साथ उपयोग से बचें या उसे सावधानी के साथ उपयोग में लाये कारण के अनुसार उपचार अलग-अलग हो सकता है। एंटीबायोटिक, स्टेरॉयड और लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप जैसी दवाओं की स्थिति का इलाज करने की आवश्यकता हो सकती है।
⚫6.स्टाई
स्टाई एक पिंपल जैसा उभार/सूजन है जो पलकों की बंद ग्रंथियों के कारण होता है।,स्टाई के दो प्रकार होते हैं जिन्हें चालाज़ियन और होर्डियोलम के नाम से जाना जाता है, दोनों के अलग-अलग कारण और उपचार होते हैं।
लक्षण
ज्यादातर मामलों में यह दर्द का कारण बनता है और हालांकि वे दर्द रहित भी होते हैं पलक के किनारे की सूजन के कारण नेत्रगोलक पर दबाव पड़ता है और आंख पर या आंख मैं कुछ है ऐसा लगता रहता
निदान
बार-बार कम गर्म सेक और एंटीबायोटिक आई ड्रॉप से इलाज किया जा सकता है। दुर्लभ मामलों में उसे निकलनिके की आवश्यकता हो सकती
⚫7.भेंगापन (तिरछी आंखे )
आंखे (नेत्रगोलक) एक सीध में नहीं होती जब रोगी एकसाथ कोई वास्तु पे ध्यान केंद्रित करता है या देखता ।,यह समस्या हर समय हो सकती है या आ और जा सकती है।,यह एक या दोनों आंखों में हो सकता है।,यह जन्म से (जन्मजात) या बाद में चोट / संक्रमण के कारण या आंखों की मांसपेशियों में असंतुलन / पक्षाघात के कारण हो सकता है।,भेंगापन आंख की अन्य समस्याओं का भी एक लक्षण हो सकता है और इसकी जांच हमेशा किसी नेत्र चिकित्सक से करनी चाहिए।
लक्षण
एक ही वस्तु के दो चित्र देखना, धुंधली दृष्टि, आंखों में दर्द, सिरदर्द।
निदान
दूर की नजर का चश्मा ,बाइफोकल चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस,आँखों को पैच, आँखों का व्यायाम,विशेष नेत्र शल्य चिकित्सा
⚫8.डीक्रोसिस्टिटिस
आंसू जल निकासी प्रणाली की सूजन या संक्रमण है।,यह किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन शिशुओं में नासोलैक्रिमल डक्ट की जन्मजात रुकावट के कारण सबसे आम है, अगर यह वयस्कों में हड्डी के आसपास की वृद्धि या किसी आघात के कारण होता है।
लक्षण
नाक के साथ आंख के कोण के पास आंसू थैली में दर्द, सूजन और लाली, आंख से निर्वहन ।
निदान
आंसू वाहिनी को चौड़ा करने या रुकावट को बायपास करने के लिए एंटीबायोटिक्स या अन्य आई ड्रॉप और सर्जरी ।
⚫9.पलकों का पक्षाघात
एक या दोनों आँखों की ऊपरी पलक का गिरना (गिरना)। रोगी अपनी आँखें खोलने में असमर्थ है जो सामान्य दृष्टि को सीमित या अवरुद्ध करता है।,यह जन्म से उपस्थित हो सकता है या उम्र बढ़ने की प्रक्रिया या आघात से विकसित हो सकता है।,मधुमेह और स्ट्रोक जैसी कुछ बीमारियों के कारण हो सकता है
लक्षण
कुछ मरीज़ पलक के नीचे देखने के लिए अपना सिर पीछे झुका लेते हैं या पलकों को ऊपर उठाने के लिए अपनी भौहें को पकड़ने की कोशिश करते हैं।
निदान
टपकने की डिग्री रोगी से रोगी में भिन्न होती है। हल्के मामलों के लिए ptosis तमाशा पूरी मदद करता है अन्यथा विशेष नेत्र अस्पताल में सर्जरी की आवश्यकता होती है।
⚫10. (समयपूर्वता की रेटिनोपैथी)
समय से पहले (नियत तारीख से पहले) जन्म या नवजात शिशुओं में जन्म के समय कम वजन वाले नवजात शिशुओं में असामान्य रक्त वाहिका वृद्धि के कारण होने वाली संभावित दृष्टिहीन बीमारी,अब यह बचपन के अंधेपन का सबसे आम कारण बनता जा रहा है।,रेटिनल डिटेचमेंट दृष्टि की हानि का मुख्य कारण है।,शिशु के जन्म के समय बाल रोग विशेषज्ञ / नेत्र रोग विशेषज्ञ और सतर्क माता-पिता द्वारा निदान किया जा सकता है।
सलाह
माता-पिता को इस स्थिति के बारे में जागरूक / सतर्क रहना चाहिए सबसे प्रभावी उपचार लेजर थेरेपी हैं,विशेषज्ञ देखभाल द्वारा विशेष नेत्र अस्पताल में इलाज किया जा सकता है।
🟤.भ्रम एवं भ्रांत धारणाए
नागरिक आंखों की देखभाल से संबंधित विभिन्न मिथकों और गलत धारणाओं के बारे में अधिक जानने के लिए इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं, ताकि नागरिक सही जानकारी और वास्तविक तथ्यों के बारे में जान सकें
🟤1.भ्रम एवं भ्रांत धारणाएं
🟤1.भ्रम ,वेबे समय तक टीवी के पास बैठकर देखने और बैठने से आपकी आंखों की रोशनी खराब हो सकती है।तथ्यवेइसका ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन यह निकट दृष्टिदोष का संकेत हो सकता है
🟤2.भ्रम–मोबाइल फोन और कंप्यूटर आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।,तथ्य–मोबाइल फोन और कंप्यूटर आपकी आंख को तुरंत नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं, नजदीकी दूरी के लिए लगातार उपयोग से आपकी आंखें शुष्क हो सकती हैं और आपको आंखों में खिंचाव और थकान महसूस हो सकती है। इसलिए हमेशा 20-20-20 नियम का पालन करने का प्रयास करें और चकाचौंध से बचने के लिए एंटी ग्लेयर प्रोटेक्टिव ग्लास का उपयोग करें।
🟤3.भ्रम–गाजर खाने से आपकी देखने की शक्ति कम हो जाएगी।,तथ्य–गाजर विटामिन ए से भरपूर होता है जो आंखों की रोशनी के लिए एक आवश्यक तत्व है जैसे अन्य भोजन हरी पत्तेदार सब्जियां और फल आदि। खूब गाजर खाने से आंखों की रोशनी कम नहीं हो सकती।
🟤4.भ्रम–आंखों का व्यायाम आपकी आंखों की रोशनी में सुधार कर सकता है।,तथ्य–आंखों की रोशनी में कमी कई कारणों से होती है इसलिए आंखों की समस्याओं में कोई खास बदलाव/सुधार नहीं होगा।
🟤5.भ्रम–प्रिस्क्रिप्शन चश्मा पहनने से आपकी आंखों को नुकसान होगा,तथ्य–वास्तव में यह दूर या निकट दृष्टि को धुंधला करने का एक उपाय है। सही तमाशा आपको हमेशा स्पष्ट रूप से देखने में मदद करेगा, यह आपकी आंखों को चोट नहीं पहुंचाएगा।
🟤6.भ्रम–जानवरों की आंखें इंसानों में ट्रांसप्लांट की जा सकती हैं,तथ्य–जानवरों की आंखें इंसानों को ट्रांसप्लांट नहीं की जाती हैं, कुछ लोग कृत्रिम आंखों को जानवरों की आंखें मानते हैं।
🟤7.भ्रम–वृद्ध लोग अपनी आंखें दान नहीं कर सकते हैं।,तथ्य–एक वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति अपनी आंखें दान कर सकता है, कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है।
🟤8.भ्रम–नेत्रदान करना मेरे धर्म के विरुद्ध है।,तथ्य–नि:स्वार्थ यज्ञ करने वालों का सभी धर्म सम्मान करते हैं, नेत्रदान एक नेक और दैवीय कार्य है, सभी धर्म इस कारण का समर्थन करते हैं।
🟤9.भ्रम–एक पका हुआ मोतियाबिंद केवल संचालित होता है,तथ्य–आपका नेत्र चिकित्सक मोतियाबिंद सर्जरी के लिए आदर्श समय की सिफारिश कर सकता है, लेकिन रोगियों को मोतियाबिंद परिपक्व होने और नेत्र चिकित्सक के पास जाने के लिए बहुत लंबा इंतजार नहीं करना चाहिए।
🟤10.भ्रम–धूप का चश्मा और सुरक्षा चश्मा अनिवार्य नहीं हैं,तथ्य–धूप का चश्मा सिर्फ ठंडा दिखने का एक तरीका नहीं है, वे प्रकाश की हानिकारक किरणों से आंखों की मदद करते हैं। सुरक्षा चश्मे उन व्यवसायों में सहायक होते हैं जहां सुरक्षा एक प्रमु चिंता का विषय है।
लक्षणों की पड़ताल
लक्षण जांचने की सुविधा, अपनी आंखों के स्व-मूल्यांकन में समुदाय को सशक्त बनाता है. नागरिक आंखों के लक्षणों के आधार पर आंखों की बीमारियों के बारे में जल्दी पता लगाने के लिए इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं. इन रोगों में मोतियाबिंद, डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा, हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी, उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन, कॉर्नियल ब्लाइंडनेस, हाइपरमेट्रोपिया/मायोपिया/एस्टिग्मेटिज्म (रिफ्रैक्टिव समस्या), और प्रेसबायोपिया आदि शामिल हैं
Citizen eye care संबंधित सवाल है तो आप सरकारी वेबसाइट से उन्हें अधिक जानकारी के साथ-साथ टोल फ्री नंबर से कांटेक्ट कर सकते हैं👇
https://web.umang.gov.in/landing/department/citizen-eyecare.html
आंख की देखभाल
आंखें शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जिनसे हम सभी अपने आस-पास की खूबसूरत चीज़ें देखते हैं. नागरिक स्वच्छता, पोषण, व्यायाम, धूम्रपान और अधिक शराब के सेवन से बचने के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. डिजिटल तरीकों से आंखों के तनाव से बचने के लिए कुछ एहतियाती उपाय करें, अपनी आंखों को बहुत बार न रगड़ें, धूप का चश्मा/सुरक्षा चश्मा पहनें, चोट लगने पर आंखों में प्राथमिक उपचार करें, सर्जरी के बाद आंखों की देखभाल करें, आई ड्रॉप लें, चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस की देखभाल करें।