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उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना ( सम्मान ) का कैसे लाभ उठाएं |
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना इस योजना के तहत आपको अवगत कराना है कि 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविद-19 से भिन्न अन्य कर्म से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है अथवा 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर जिन्होंने कोविद या अन्य कर्म से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है | पात्रता किस श्रेणी में आने वाले परिवार के अधिकतम दो बच्चे को प्रतिमा प्रति बालक / बालिका रुपए 2500/- की सहायता धनराशि प्रदान की जाएगी |
तथा वह कक्षा -12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरांत राजकीय महाविद्यालय विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने हेतु शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं या नित जी फ्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले अथवा जिनकी माता तलाकशुदा स्त्री या परित्यक्ता है अथवा जिनके माता-पिता या परिवार का मुखिया करता जेल में है अथवा ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम बाल भिक्षावृत्ति /बाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार / पारिवारिक वातावरण में संयोजित कराया गया हो अथवा भिक्षावृत्ति / वेश्यावृत्ति में सम्मिलित परिवारों के बच्चों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाना उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना ( सामान्य ) का मुख्य उद्देश्य है इस योजना के सम संचालन हेतु दिशा निर्देश निम्न है:-
1-उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सम्मान से लाभान्वित किए जाने वाले बच्चों की श्रेणियां / पात्रता :-
गैर संस्थागत
- 0 से 18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों माता या पिता में से किसी एक अथवा वेद अभिभावक की मृत्यु 1 मार्च 2020 के पश्चात हुई है |
- 18 से 23 वर्ष तक की आयु के ऐसे किशोर जिनके माता-पिता दोनों माता या पिता में से किसी एक की अथवा व्या अभिभावक की मृत्यु हो गई है उनको कक्षा 12 तक शिक्षा पूर्ण करने का उपरांत राजकीय महाविद्यालय विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने वाले एवं NEET , JEE , CLAT, जी क्लास जैसे नेशनल और स्टेट लेवल एग्जाम में जो बच्चे उत्तीर्ण नंबर से पास हुए हो। उन छात्रों को 23 वर्ष आयु पूरी होनी चाहिए या जो बच्चे ग्रेजुएट एवं मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्था जैसे डिप्लोमा मैं फर्स्ट डिवीजन से उत्तीर्ण हुए हो ऐसे छात्र, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभ विनीत किया जाएगा ।
- केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य समरूपी योजना यथा बाल श्रमिक विद्या योजना आदि का लाभ प्राप्त कर रहे परिवारों को उक्त योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा परंतु उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहे ऐसे बच्चों को जो 18 वर्ष की आयु पूरी करने के उपरांत कक्षा -12 तक शिक्षा पूर्ण करने के बाद भी राजकीय महाविद्यालय विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्था जैसे स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने एवं नित NEET , JEE , CLAT , जैसे नेशनल और स्टेट लेवल एग्जाम में जो बच्चे उत्तीर्ण नंबर से पास हुए हो। उन छात्रों को 23 वर्ष आयु पूरी होनी चाहिए या जो बच्चे ग्रेजुएट एवं मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्था जैसे डिप्लोमा मैं फर्स्ट डिवीजन से उत्तीर्ण हुए हो ऐसे छात्र उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अंतर्गत लाभ दिया जाएगा |
- 0 से 18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम बाल भिक्षावृत्ति / बाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो या भी इच्छा वृद्धि वेश्यावृत्ति में शामिल परिवारों के बच्चे
संस्थागत
- 0 से 18 वर्ष तक के ऐसे बच्चे जिन्हें बाल गृहों / संरक्षण गृहों से परिवार में पहुंचकर पूर्ण वार्षिक किया गया है या जो बाल देखरेख संस्थानों में रह रहे हैं और उन्हें विद्या सहायता देने से उन्हें पारिवारिक देख पक्षतवर्ती देख -रेख में / पुनः समायोजित किया जा सकता है |
- पात्रता हेतु 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को छोड़कर अन्य सभी लाभार्थियों का किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में पंजीकरण होना आवश्यक होगा |
2-उपरोक्त उल्लेखित श्रेणियां के अंतर्गत आने वाले बच्चों को इस कार्यक्रम का लाभ देने में धनराशि की उपलब्धता के अनुसार निम्नलिखित प्रकार से वृद्यता दी जाएगी :-
- ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु पूर्व में हो गई है एवं अभिभावक की मृत्यु हो गई हो |
- इनमें शामिल ऐसे बच्चे जिनके पिता माता दोनों की मृत्यु हो गई हो |
- ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता एक की मृत्यु हो गई हो या माता तलाकशुदा या स्त्री या कुटुंब द्वारा परित्यक्ता है |
- ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम / बाल भिक्षावृद्धि / बाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार / पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया है यह भी इच्छा वृद्धि वेश्यावृत्ति में शामिल परिवारों के बच्चे ऐसे बच्चे |
- जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्य करता जेल में है |
3- वित्तीय मानक :-
- पात्रता किस श्रेणी में आने वाले परिवार के अधिकतम दो बच्चे को प्रतिमा प्रति बालक / बालिका रुपए 2500/- की सहायता धनराशि प्रदान की जाएगी |
- बिंदु -2 के अंतर्गत उल्लेखित समस्त श्रेणियां के बच्चों के परिवार की वार्षिक आय रुपए 300000 /- (3 लाख )से कम होनी चाहिए परंतु श्रेणी 1 एवं श्रेणी 2 के अंतर्गत आने वाले जिन बच्चों या युवाओं के माता तथा पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो उन पर आए सीमा की शर्त लागू नहीं होगी |
4- प्राप्त करने की प्रक्रिया तथा जांच :-
(1) गैर संस्थागत श्रेणी के अंतर्गत आने वाले बच्चों का सिंहासन आवेदन करने एवं संतुष्टि का प्रक्रिया |
ऐसे समस्त बच्चे स्वयं उनके माता या पिता अथवा संरक्षक उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकेंगे आवेदन पत्र ग्रामीण क्षेत्रों में अपने ग्राम विकास अधिकारी /ग्राम पंचायत अधिकारी के पास या किसी विकासखंड या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में तथा शहरी क्षेत्र में अपने क्षेत्र के लेखपाल के पास या तहसील या सीधी जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा कराया जा सकता है निर्धारित प्रारूप पर भरे स्वर प्रमाणित व समस्त सलंग्नों के साथ प्राप्त आवेदन ही मान्य होंगे |
उपरोक्त आवेदन पत्रों का सत्यापन ग्रामीण क्षेत्र में खंड विकास अधिकारी तथा शहरी क्षेत्र में उप जिला अधिकारी द्वारा किया जाएगा एवं अपनी संस्कृति के साथ आवेदन पत्रों को जिला प्रोबेशन कार्यालय जिला बाल संरक्षण इकाई में यथाशीघ्र प्रेषित किया जाएगा |
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(2) संस्थागत श्रेणी के अंतर्गत आने वाले बच्चों का चिन्हाकन आवेदन करने एवं संतूर्ति का प्रक्रिया
जो उच्च श्रेणी के समस्त चिन्हित बच्चे रहेंगे या उनके अभिभावक से जो जिला बाल संरक्षण इकाई तथा बाल कल्याण समिति से सीधे संपर्क कर सकेंगे आवेदन पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को चिन्हाकन के 15 दिन के अंदर पूर्ण कारण कराएंगे जनपद स्तरीय टास्क फोर्स इस हेतु बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई का सतत पर्यवेक्षक करेगी तथा यह सुनिश्चित कराएगी की ऐसे समस्त बच्चों के आवेदन पत्र समय प्राप्त कर लिए गए हैं |
उपयुक्त श्रेणी के अंतर्गत आने वाले बच्चों जो संस्थागत देखरेख में आवश्यक है तथा जिनको परिवारों में संयोजित किया जा सकता है कि चिन्हकन आवेदन एवं संस्कृति का प्रक्रिया :-
- देख-रेख एवं संरक्षण वाले बच्चे ऐसे बच्चे:- जो बाल गृहों में आवश्यक हैं जिनमें उनमें से संरक्षण अधिकारी संस्थागत देखरेख अथवा कैसे वर्कर अथवा संस्था से शिक्षक द्वारा ऐसे बच्चों का चिन्हकन किया जाएगा जिन्हें परिवार में पुनवार्षित किया गया है अथवा पुणे वर्सिटीकिया जाना है तथा उनके परिवार की वर्तमान स्थिति मानव को के अनुसार विद्या सहायता हेतु विचार करने योग्य है |
- विधि का उल्लंघन करने वाले बच्चे :-जिला बाल संरक्षण इकाई में कार्यक्रम विधि शाह परीक्षा अधिकारी अथवा कैसे वर्कर अथवा संस्था अधीक्षक द्वारा ऐसे बच्चों का चिन्हकन किया जाएगा जिन्हें परिवार में पुणे वर्षित किया गया है तथा पुनर्वासित किया जाना है तथा उनके परिवार की वर्तमान स्थिति मानकों के अनुसार वित्तीय सहायता हेतु विचार करने योग्य है |
उपरोक्त दोनों प्रकार के बच्चों हेतु संरक्षक अधिकारी (संस्थागत देख-रेख )/विधि सब परीक्षा अधिकारी अथवा कैसे कर्मी द्वारा बच्चों के संस्था में प्रवेश की तिथि से एक माह की समय सीमा के अंतर्गत तथा जिसमें बच्चों को परिवार में पुनर्वासित किया जा चुका है 15 दिन के अंदर प्रकरणों को इस योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता हेतु प्रस्ताव संसद स्तुति करते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय को प्रेषित करेगा |
5- आवेदन पत्रों की स्वीकृति की प्रक्रिया:-
जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय द्वारा समस्त प्रस्ताव का परीक्षण किया जाएगा तथा समस्त प्रस्ताव का परीक्षण करने के उपरांत शासनादेश संख्या 720 / 60 -1- 2021 दिनांक 12 में 2021 द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना हेतु गठित जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बच्चे की श्रेणी के अनुसार निश्चित लाभ दिए जाने हेतु अनुमोदन की कार्यवाही कराई जाएगी |
6- आवेदन हेतु आवश्यक अभिलेख :-
- गैर संस्थागत श्रेणी हेतु :-
- परिवार का आय प्रमाण -पत्र (माता-पिता दोनों की मृत्यु की दशा में लागू नहीं )|
- माता-पिता या माता या पिता या अभिभावक जैसे भी स्थिति हो के सुसंगत अभिलेख |
- यह प्रमाण पत्र 0 से 5 वर्ष के बच्चे हेतु आवश्यक नहीं । संबंधित श्रेणी के शिक्षण संस्थान के पंचायत के तहत |
II. संस्थागत श्रेणी हेतु:-
- बाल कल्याण समिति / किशोर न्याय बोर्ड का आदेश जिसके द्वारा बच्चों को संस्थागत देख-रेख में दिया गया है |
- बच्चे/ किशोर का आयु प्रमाण पत्र किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा -94 में उल्लेखनीय प्रमाण पत्र के अतिरिक्त परिवार रजिस्टर की नकल अथवा किसी ऐसे सरकारी दस्तावेज जिसमें आपकी आयु का उल्लेख हो
- राजकीय महाविद्यालय विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने हेतु प्रवेश का प्रमाण पत्र NEET , JEE , CLAT ,जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिकी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने का प्रमाण पत्र( श्रेणी 1-( का) 2 हेतु )
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7- धनराशि स्थानांतरण हेतु कार्यवाही:-
जनपद स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा अनुमोदन के उपरांत जिला प्रोबेशन कार्यालय द्वारा बैंक में खाता खुलवाया जाएगा जो बच्चे / किशोर के नाम से होगा एवं इस खाते का संचालन किशोर /18 वर्ष के कम आयु के बच्चों के संबंध में उसकी माता या पिता अथवा बाल कल्याण समिति द्वारा किशोर न्याय ( बालकों की देखरेख और संरक्षण ) अधिनियम- 2015 के प्रावधानों के अंतर्गत नामित अभिभावक के द्वारा किया जाएगा | जिला प्रोबेशन कार्यालय द्वारा वर्ष में दो छमाही किस्तों में धनराशि बच्चों के खाते में सीधे स्थानांतरित की जाएगी इसके लिए निदेशालय द्वारा बजट उपलब्ध कराया जाएगा |
8- उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना क्या निरस्तीकरण
{उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना ऑफिशल वेबसाइट फॉर इनफॉरमेशन}
https://balvikas.missionvatsalyaup.in/
- जनपद स्तरीय टास्क फोर्स निम्न स्थितियों में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से बच्चों को प्राप्त होने वाले लाभों को निरस्त कर सकती है यदि :-
- बच्चे की आयु 18 वर्ष पूर्ण हो गई हो ( श्रेणी -1(का) गैर संस्थागत श्रेणी संख्या 2,3 के लाभार्थियों को छोड़कर )|
- योजना का लाभ पर है परिवार की वार्षिक आय निश्चित आय सीमा रुपए 300000 से अधिक हो गई हो
- बच्चे ने स्कूल में जाना बंद कर दिया हो ( केवल उन विशेष परिस्थितियों में बच्चा बीमार हो निरस्तीकरण नहीं किया जाएगा जिसका जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा सत्यापन कराया जाएगा )|
- बच्चों को पुनः संस्थागत देखभाल में भेज दिया गया है |
- बच्चा घर से पलीत कर गया हो और पुनः प्राप्त न हुआ |
- बच्चे से सहाय पारक श्रम लिया जा रहा हूं |
- उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में चयन के उपरांत विधि का उल्लंघन किया गया है विधि का उल्लंघन करने वाले जिन बच्चों का परिवारों में समायोजन किया गया है यदि उनके द्वारा पुनः विधि का उल्लंघन किया गया हो| यह दो सिद्ध किया गया है |
- लाभार्थी द्वारा कानूनी रूप से निर्धारित विवाह की आयु ( पुरुषों के लिए 21 वर्ष तथा महिलाओं के लिए 18 वर्ष) से पूर्ण विवाह किया गया हो |
- परिवार द्वारा बच्चों को प्राप्त अनुपूरक अनुदान का दुरुपयोग किया जा रहा है|
9- उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की समीक्षा एवं अनुसरण :-
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जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संरक्षण अधिकारी ( गैस संस्थागत देखभाल ) ( जिन जनपदों में संरक्षण अधिकारी अनुपात अनुपात अनुपात है कैसे वर्कर अथवा मनोवैज्ञानिक अथवा प्रोबेशन अधिकारी अथवा संस्था व अधीक्षक ) द्वारा इस योजना का लाभ उठा रहे बच्चों की व्यक्तिगत केस डायरी बनाई जाएगी एवं नियमित रूप से बच्चे से संबंधित प्रगति अंकित की जाएगी |
जिला प्रोफेशन अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि संरक्षण अधिकारी ( गैर संस्थानिक देखभाल ) ,सामाजिक कार्यकर्ताओं आउटरेज वर्कर्स द्वारा लाभार्थी बच्चों के गृह स्कूल का त्रैमासिक ब्राह्मण कारण करते हुए एवं स्कूल से प्राप्त उपस्थित संबंधित रिकार्ड की प्रति एवं भ्रन्ना रिपोर्ट बच्चों की व्यक्तिगत केस फाइल में रक्षित कराएगा तथा ब्राह्मण रिपोर्ट को जनपद स्तरीय टास्क की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा |
- सभी जनपदों के जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा प्रत्येक 06 मा पर बच्चों की प्रगति लाभ और मृत्यु की संकट सूचना दृष्टि कारण की रिपोर्ट निदेशक महिला कल्याण उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराई जाएगी |
10-उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के संचालन हेतु योजना संचालन पर व्यय हुई धनराशि के सापेक्ष 3 प्रतिशत की धनराशि प्रशासनिक व हेतु आरक्षित रखी जाएगी, जिसके अंतर्गत अवस्थापना, पी0 ओ0 एल0 स्टेशनरी, कार्यालय प्रचार – प्रसार , प्रशिक्षण ,अनुसरण आदि पर निहित— व्यय — सम्मिलित होंगे |
11- लाभार्थी को दी जाने वाली धनराशि वर्ष में 02 छमाही किस्तों में प्रेषित की जाएगी |
12- उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना पर होने वाला समस्त — व्यय —अनुदान संख्या – 49 के लेखा शीर्षक 2235 – सामाजिक सुरक्षा तथा कल्याण- 02- समाज कल्याण- 103 -महिला कल्याण 10 -उत्तर प्रदेश महिला सम्मान कोर्स- 42 -अन्य व्यक्ति के नाम में डाला जाएगा तथा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के संचालक पर आने वाले व्यय भार को बजट प्रावधान की सीमन अंतर्गत रखा जाएगा |
13- उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से संबंधित सभी हितग्राहियों की बैठक करते हुए योजना बंध तरीके से समस्त पात्र लाभार्थियों के आवेदन पत्र संबंधित अधिकारियों की जांच / संस्कृति सहित जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में 15 दिन के अंदर प्राप्त करते हुए शासनादेश संख्या – 720 /60-1 -21, दिनांक 12. 5.2021 द्वारा गठित टास्क फोर्स के अनुमोद के अनुरूपरांत उनके खाते में आर0 टी0 जी0 एस0 के माध्यम से धनराशि प्रेषित करना सुनिश्चित की जाएगी |
14-जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की प्रत्येक 15 दिन में काम से कम एक बैठक अभ्युद की जाएगी जिसमें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ प्राप्त किए जाने हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों का परीक्षण / प्रस्तुतति की जाएगी तथा संस्कृति प्राप्त होने के अगले माह की 1 तारीख से अनुदान / सहायता की धनराशि दे होगी |
3- इस संबंध में मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि कृपया उपयुक्त अनुसार विषयगत उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कृपया बंटी किए जाने हेतु यथा आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें इस योजना हेतु निर्धारित आवेदन पत्र तथा शपथ पत्र का प्रारूप संलग्न है |