न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि: अब प्रतिदिन ₹1035 तक की मजदूरी मिलेगी हर कैटेगरी पोस्ट के लिए बढ़ोतरी है
वर्कर की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की घोषणा मजदूरों को अब प्रतिदिन ₹1035 तक की मजदूरी मिलेगी हर कैटेगरी पोस्ट के लिए बढ़ोतरी है इसमें आप नीचे लिस्ट भी चेक कर सकते हैं। गवर्नमेंट के तरफ से हर साल मजदूरों के लिए CPI द्वारा वेतन में बढ़ोतरी करती है जो कि इस साल अक्टूबर में 1 तारीख से लागू किया जाएगा मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी के बाद अब उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है। केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2024 से न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की घोषणा की है,
जिससे जीवन यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए मजदूरों को राहत मिलेगी। यह निर्णय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में 2.40 अंकों की वृद्धि के आधार पर लिया गया है।
न्यूनतम मजदूरी की नई दरें:
1. अन-skilled श्रमिक (क्षेत्र A): 783 रुपये प्रति दिन (20,358 रुपये प्रति माह)
2. सेमी-skilled श्रमिक (क्षेत्र A): 868 रुपये प्रति दिन (22,568 रुपये प्रति माह)
3. Skilled श्रमिक (क्षेत्र A): 954 रुपये प्रति दिन (24,804 रुपये प्रति माह)
4. हथियार रहित चौकीदार (क्षेत्र A): 954 रुपये प्रति दिन (24,804 रुपये प्रति माह)
5. उच्च-skilled श्रमिक (क्षेत्र A): 1,035 रुपये प्रति दिन (26,910 रुपये प्रति माह)
6. हथियार वाले चौकीदार (क्षेत्र A): 1,035 रुपये प्रति दिन (26,910 रुपये प्रति माह)
ये दरें 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होंगी। इसका सीधा असर मजदूर वर्ग पर पड़ेगा, जो विशेष रूप से महंगाई से प्रभावित हैं।
पिछले 5 सालों में न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि
वर्ष | न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि (रुपये प्रति दिन) |
2020 | 665 रुपये |
2021 | 690 रुपये |
2022 | 740 रुपये |
2023 | 810 रुपये |
2024 | 1035 रुपये |
यह बढ़ोतरी क्यों और कैसे की गई ?
मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि हर साल महंगाई और अन्य आर्थिक कारकों को ध्यान में रखकर संशोधित की जाती है। इस साल, श्रम मंत्रालय ने CPI में 2.40 अंकों की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह संशोधन किया है। यह बढ़ोतरी श्रमिकों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए की गई है, ताकि वे अपने और अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
नए न्यूनतम वेतन किस पर लागू होंगे ?
मिनिमम वेजेस एक्ट, 1948 के तहत केंद्र और राज्य सरकारों को अधिकार दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्राधिकार में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित कर सकें। इसके तहत निम्नलिखित क्षेत्रों में मजदूरों पर यह नए न्यूनतम वेतन लागू होंगे:
1. निर्माण क्षेत्र (Construction): भवन निर्माण, सड़क निर्माण, और अन्य आधारभूत संरचना से जुड़े कार्यों में लगे मजदूरों पर यह वेतन लागू होगा।
2. कृषि क्षेत्र (Agriculture): खेतों में काम करने वाले श्रमिकों पर भी यह न्यूनतम वेतन लागू होगा।
3. सुरक्षा सेवाएँ (Security Services): सुरक्षा गार्ड और चौकीदारों के लिए भी यह नियम लागू किया जाएगा, चाहे वे सशस्त्र हों या बिना हथियार के।
4. औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Sector): फैक्ट्रियों और उत्पादन इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों को भी इसका लाभ मिलेगा।
5. सेवा क्षेत्र (Service Sector): हॉस्पिटैलिटी, क्लेरिकल वर्क, और अन्य सेवा क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों पर भी यह लागू होगा।
नए नियम कौन से राज्य और क्षेत्रों में लागू होंगे ?
केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि नियम पूरे देश में लागू होंगे। हालांकि, राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी तय कर सकती हैं, जो केंद्र सरकार की न्यूनतम मजदूरी से कम नहीं होनी चाहिए।
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कुछ प्रमुख राज्य जहाँ यह नए नियम प्रभावी होंगे
1. दिल्ली: दिल्ली सरकार अक्सर मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाती रही है। यह नया नियम दिल्ली में मजदूरों के लिए लागू होगा।
2. महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को इसका सीधा फायदा होगा।
3. उत्तर प्रदेश: यूपी में कृषि और निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को यह बढ़ोतरी मिलेगी।
4. तमिलनाडु: यहां की औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले मजदूरों पर यह नियम लागू होगा।
5. राजस्थान: राजस्थान में कृषि और निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को यह न्यूनतम मजदूरी मिलेगी।
यह न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि कब लागू होगी ?
यह न्यूनतम मजदूरी 1 अक्टूबर 2024 से पूरे देश में लागू होगी। इसका अर्थ है कि इस तारीख से श्रमिकों को नए दर के अनुसार वेतन दिया जाएगा।
इस बढ़ोतरी से मजदूरों को क्या लाभ होगा?
1. आर्थिक सुधार: बढ़ती महंगाई के बीच मजदूरों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
2. जीवन यापन में आसानी: इस बढ़ी हुई मजदूरी से मजदूर अपने और अपने परिवार की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होंगे।
3. स्वास्थ्य और शिक्षा: श्रमिकों को अधिक वेतन मिलने से वे अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर बेहतर ध्यान दे पाएंगे।
4. कर्ज से राहत: मजदूर वर्ग, जो अक्सर कर्ज के बोझ में दबा होता है, इस वृद्धि से उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी।
न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि: किसके कहने पर बढ़ाई जाती है ?
न्यूनतम मजदूरी की समीक्षा और संशोधन श्रम मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यह मंत्रालय समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों और श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेता है। इसके अलावा, राज्य सरकारें भी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी को संशोधित कर सकती हैं।
क्या यह वृद्धि सभी क्षेत्रों में एक जैसी होगी ?
नहीं, यह वृद्धि विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, कृषि और निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के मजदूरों से अलग हो सकती है।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि एक सकारात्मक कदम है, जो मजदूर वर्ग की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह न केवल मजदूरों को महंगाई से राहत देगी बल्कि उन्हें बेहतर जीवन यापन के लिए आवश्यक संसाधन भी प्रदान करेगी।