पंजीकृत निर्माण कारगर गंभीर बीमारी सहायता योजना !
Table of Contents
योजना का उद्देश्य :-
इस गंभीर बीमारी का उद्देश्य उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक की स्वयं अथवा उसकी पत्नी अथवा उस पर आश्रित अविवाहित पुत्री एवं 21 वर्ष से कम आयु के पुत्र को गंभीर बीमारी की स्थिति में उनके द्वारा किसी शासकीय के चिकित्सालय या भारत सरकार अथवा उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सभी चिकित्सालय में कराए गए इलाज के उपरांत किए गएव्यय की पतिपूर्ति कराया जाना है
गंभीर बीमारी की परिभाषा में निम्नलिखित बीमारियां सम्मिलित होगी !
- हृदय की शल्य क्रिया
- गुर्दा का प्रत्यारोपण
- लिवर का प्रत्यारोपण ( यकृत )का प्रत्यारोपण
- मस्तिष्क की शल्य क्रिया
- रीड की हड्डी की शल्य क्रिया
- पेर के घुटने का बदलना
- कैंसर का इलाज तथा
- एच0 आई0 वी0 एड्स की बीमारी
पात्रता :-
गंभीर बीमारी सहायता योजना के लिए वे सभी कर्मकार पात्र होंगे जो भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार नियोजन तथा सेवा शर्तें विनिमय अधिनियम 1996 की धारा 12 के अंतर्गत लाभार्थी श्रमिक के रूप में पंजीकृत है !
हितलाभ:-
- इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी श्रमिक द्वारा स्वयं अथवा उसकी पत्नी अथवा उसे पर आश्रित 21 वर्ष से कम आयु के अविवाहित पुत्री/ पुत्र की गंभीर बीमारी में प्रवेश के किसी शासकीय चिकित्सालय में तथा भारत सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के नियंत्रण धीन किसी स्वस्थ स्वायत्ताशिसी चिकित्सालय में कराए गए इलाज के उपरांत अग्रलिखित प्रक्रिया एवं शर्तों के अधीन उसके द्वारा उस बीमारी के उपचार पर किए गए इलाज के शत प्रतिशत प्रति पूर्ति बोर्ड द्वारा की जाएग !
- योजना के अंतर्गत यदि लाभार्थी श्रमिक गंभीर बीमारी की स्थिति में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना भारत सरकार की ग ह एवं इसी द्वारा मान्यता प्राप्त अनुबंध अस्पतालों में भर्ती होने या इलाज करते हैं तो उनसे प्राप्त सूचना अभिलेख के आधार पर गंभीर बीमारी की लाज की प्रतिपूर्ति सीधे अस्पताल को की जाएगी
आवश्यक शर्तें :-
- श्रमिक बोर्ड का पंजीकृत लाभार्थी श्रमिक हो !
- किसी गंभीर बीमारी के इलाज के फल स्वरुप उपचार करने वाले चिकित्सक अस्पताल द्वारा प्रारूप दिया गया प्रमाण पत्र
- दवाइयां के क्रय पर हुए व्यय के मूल बिल उपचार को जो कि उसे चिकित्सा अस्पताल द्वारा प्रमाणित किए गए हैं जिनके द्वारा उपचार किया गया हो !
सम्मान निर्देश:-
लाभार्थी श्रमिक द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर दो प्रतियो में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित अभिलेख भी संलग्न अनिवार्य रूप से किए जाएंगे
- निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र
- पहचान प्रमाण पत्र की फोटो प्रति
- निर्धारित प्रारूप पर सक्षम मुख्य चिकित्सा अधिकारी चिकित्सा बोर्ड द्वारा अनुमान एवं प्रति हस्ताक्षरित्र प्रमाण पत्र |
- दवाइयां के क्रय पर हुए वह के मूल बिल उपचार जो कि उसे चिकित्सा अस्पताल द्वारा प्रमाणित किया भुगतान हेतु सत्यापित किए गए हो जिनके द्वारा उपचार दिया गया हो |
- यदि रोगी अविवाहित पुत्री अथवा 21 वर्ष से कम आयु का पुत्र है तो ऐसी स्थिति में उसका पंजीकृत निर्माण श्रमिक पर आश्रित होने का प्रमाण पत्र |
- इस समग्र कार्यवाही में जिला श्रम कार्यालय द्वारा नोडल एजेंसी के रूप में क्रय किया जाएगा | योजना वर तथा लाभार्थी विवरण निर्धारित पंजिका में जिला श्रम कल्याण के साथ-साथ क्षेत्रीय ऊपर श्रग आयुक्त कार्यालय से संरक्षित रखे जाएंगे इसके लिए पंजिका प्रपत्र संख्या- 3 संलग्न किया जा रहा है | क्षेत्रीय ऊपर उप श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा योजना लाभार्थी तथा जिलेवार पूर्ण विवरण निर्धारित प्रपत्रों पर मासिक आधार पर संलग्न करते हुए उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के कार्यालय में मांस की संपत्ति के उपरांत अगले 4 दिन के अंदर उपलब्ध कराए जाएंगे |
अधिक जानकारी के लिए या योजना का लाभ उठाने के लिए इस टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं 18001805412
कठिनाइयों का निवारण
गंभीर बीमारी सहायता योजना के क्रियान्वय में आने वाले कठिनाइयों के निवारण हेतु उत्तर प्रदेश एवं भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव सक्षम होंगे और इस संबंध में कोई दिशा – निर्देश, आदेश इत्यादि निर्गत कर सकेंगे|
अधिसूचना
उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड की अधिसूचना संख्या 4200—4331/ भवान निर्माण (90 )2011, दिनांक 15 .07. 2011 द्वारा अधिसूचित निर्माण कामगार गंभीर बीमारी सहायता योजना में उल्लेखित गंभीर बीमारियों हृदय की शल्य क्रिया, गुर्दा का प्रत्यारोपण, लीवर यकृत का प्रत्यारोपण ,मस्तिष्क की शल्य क्रिया ,रीड की हड्डी की ,पर के घुटने बदलन ,कैंसर का इलाज ,एचआईवी एड्स की बीमारी के संबंध में
उत्तर प्रदेश शासन श्रम अनुभाग 2 के पत्र संख्या 13 /2015/ 319/ 36- 2 -2015 -93(1)11 दिनांक 02 .11 .2015 एवं तत्क्रम में जारी उत्तर प्रदेश शासन के पत्र संख्या 980 /36-2- 2017 दिनांक 27 .09 .2017 द्वारा प्राप्त अनापत्ति के क्रम में पूर्ण की उपरोक्त 8 गंभीर बीमारियों के अतिरिक्त निम्न बीमारियों को गंभीर बीमारी सहायता योजना में सम्मिलित किया जाता है :-
- आंख की शल्य क्रिया
- पथरी की शल्य क्रिया
- अपेंडिक्स की शल्य क्रिया
- हाइड्रोसील की शल्य क्रिया
- महिलाओं में होने वाले कैंसर शल्य क्रिया
- बच्चेदानी/ यानी कैंसर की शल्य क्रिया
उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड की अधिसूचना संख्या जो कि आपके ऊपर सब दिया गया है उसमें निर्माण कामगार गंभीर बीमारी सहायता योजना की सूचित की गई थी क्रम में बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्माण के अनुसार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अपने पत्र संख्या – 7 /2020 /564 /36- 2- 2020 -93 (1)/2011 दिनांक 29 .05. 2020 के माध्यम से निर्माण कामगार गंभीर बीमारी सहायता योजना के अंतर्गत निम्न संशोधन किए जाने पर अनापित प्रदान की गई है –
वर्तमान व्यवस्था
प्रस्तर-1 एक योजना का नाम –निर्माण कामगार गंभीर बीमारी सहायता योजना
——अधिक जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट पर लॉगिन करें—–
प्रस्तर 2- योजना का उद्देश्य इस योजना का उद्देश्य— उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक की स्वयं अथवा उसकी पत्नी अथवा उसे पर आश्रित अविवाहित पुत्री एवं 21 वर्ष से कम आयु के पुत्र को गंभीर बीमारी की सहायता में उनके द्वारा किसी शासकीय चिकित्सालय में या भारत सरकार अथवा उत्तर प्रदेश सरकार का स्वायत्ताशिसी चिकित्सालय में कराए गए इलाज के उपरांत किए गए व्यय प्रतिपूर्ति कराया जाना है |
गंभीर बीमारी की परिभाषा में निम्नलिखित बीमारियां सम्मिलित होंगे –
- हृदय की शल्य क्रिया
- गुर्दा का प्रत्यारोपण
- लिवर का प्रत्यारोपण ( यकृत )का प्रत्यारोपण
- मस्तिष्क की शल्य क्रिया
- रीड की हड्डी की शल्य क्रिया
- पेर के घुटने का बदलना
- कैंसर का इलाज तथा
- एच0 आई0 वी0 एड्स की बीमारी
- आंख की शल्य क्रिया
- पथरी की शल्य क्रिया
- अपेंडिक्स की शल्य क्रिया
- हाइड्रोसील की शल्य क्रिया
- महिलाओं में होने वाले कैंसर शल्य क्रिया
- बच्चेदानी/ यानी कैंसर की शल्य क्रिया
शेष अन्य बीमारियों के लिए इस योजना के अंतर्गत लाभ दे नहीं होगा |
प्रस्तर 3 पात्रता
गंभीर बीमारी सहायता योजना के लिए वे सभी कर्मकार पात्र होंगे जो भवन एवं अन्य कर्मकार सन्निमार्ण ( नियोजन तथा सेवा शर्तें विनिमय ) अधिनियम 1996 की धारा 12 के अंतर्गत लाभार्थी श्रमिक के रूप में पंजीकृत हैं
प्रस्तर -4 हितलाभ
गंभीर बीमारी सहायता योजना के अंतर्गत लाभार्थी श्रमिक द्वारा ऊपर बताए गए स्वयं अथवा उसकी पत्नी अथवा उसे पर आश्रित 21 वर्ष से कम आयु के पुत्र अविवाहित पुत्री को गंभीर बीमारी में प्रदेश के किसी शासकीय चिकित्सालय में या भारत सरकार अथवा उत्तर प्रदेश सरकार के नियंत्रण धीन किसी स्वतशशि चिकित्सालय में कराए गए इलाज के उपरांत आगलिखित प्रक्रिया एवं नियमों के शर्तों के अधीन उसके द्वारा उस बीमारी के उपचार पर किए गए इलाज की शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति बोर्ड द्वारा की जाएगी
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आधिकारीक वेबसाइट | यहां पर क्लिक करें |
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5. नया आवेदन कैसे करें
परित संशोधन के उपरांत व्यवस्था
प्रस्तर-1 योजना का नाम- निर्माण कामगार गंभीर बीमारी सहायता योजना (यथावत)
अन्य और सरकारी योजना के लिए यहां क्लिक करें—
प्रस्तर-2 योजना का उद्देश्य-गंभीर बीमारी सहायता योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य कर्मकार सन्निमार्ण कल्याण बोर्ड में ऐसे अदयतन रूप से पंजीकृत श्रमिक जो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में अक्षत नहीं हो सकते हैं
कि स्वयं अथवा उसकी पत्नी पति (जैसी भी स्थिति हो) अथवा उसे पर आश्रित अविवाहित पुत्री एवं 21 वर्ष से कम आयु के पुत्र एवं पंजीकृत कर्मकार की आयु पर आश्रित उसके माता-पिता को बीमारी की स्थिति में उनके द्वारा किसी शासकीय चिकित्सालय में या भारत सरकार अथवा उत्तर प्रदेश सरकार के स्वायत्ताशिसी चिकित्सालय अथवा ऐसे चिकित्सालय जिन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की नेशनल हेल्थ अथॉरिटी अथव राज्य स्तर पर कार्यवाही संस्था SACHIS (State Agency For Comprehensive Health Insurance and Integrated Services ) द्वारा अपने पैनल पर रखा गया है
में इलाज कार जाने की दशा में ऐसी बीमारी पर आयुष्मान भारत योजना में चिकित्सा पर जाने वाले व्यवहार के समतुल्य धनराशि की प्रति पूर्ति किया जाना तथा/ अथवा चिकित्सा / शल्य क्रिया आदि के संदर्भ में किए गए चिकित्सालय द्वारा दिए गए एस्टीमेट के आधार पर संबंधित चिकित्सालय को अग्रिम धनराशि का भुगतान किया जाना है बीमारी की परिभाषा में वह समस्त बीमारियां सम्मिलित होगी जिन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आर्य योजना में आच्छादित किया गया है|
उक्त के अतिरिक्त यदि किसी अन्य बीमारी को गंभीर बीमारी सहायता योजना के अंतर्गत आवर्त किया जाना है तो सचिन बोर्ड के युक्ति संगत प्रस्ताव पर अध्यक्ष बोर्ड शासन की अनापत्ति प्राप्त करते हुए इस योजना के अंतर्गत ऐसी बीमारियों को जोड़ सकेगा एवं ऐसी जोड़ी गई बीमारियों के संदर्भ में बोर्ड के समक्ष कार्य उत्तर अनुमोदन हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा |
प्रस्तर-3 पात्रता
गंभीर बीमारी सहायता योजना के लिए वे सभी कर्मकार पात्र होंगे जो भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार नियोजन तथा सेवा सत्य विनिमय अधिनियम 1996 की धारा 12 के अंतर्गत अत्यंत रूप से पंजीकृत श्रमिक है तथा जो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में अच्छा आदित्य नहीं हो सकते हैं |साथ ही इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकृत कर्मकार तथा उसकी पत्नी (जैसी भी स्थिति हो) तथा उसे पर आश्रित अविवाहित एवं 21 वर्ष से कम आयु के पुत्र एवं पंजीकृत कर्मकार की आयु पर आश्रित उसके माता-पिता भी पात्रता की श्रेणी में आवर्त होंगे |
प्रस्तर-4 हित लाभ
- इस योजना में बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक की स्वयं अथवा उसकी पत्नी पति जैसी भी स्थिति हो अथवा उसे पर आश्रित अविवाहित पटरिया एवं 21 वर्ष से कम आयु के पुत्रों एवं पंजीकृत कर्मकार की आय पर आश्रित उसके माता-पिता को बीमारी की दशा में उनके द्वारा किसी शासकीय चिकित्सालय में या
- भारत सरकार अथवा उत्तर प्रदेश सरकार के स्वायत्ताशिसी चिकित्सालय अथवा ऐसे चिकित्सालय जिन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की नेशनल हेल्थ अथॉरिटी अथवा राज्य स्तर पर कार्यवाही संस्था SACHIS (State Agency For Comprehensive Health Insurance and Integrated Services ) द्वारा अपने पैनल पर रखा गया है मैं इलाज कराया जाने की दशा में ऐसी बीमारी पर आयुष्मान भारत योजना में चिकित्सा पर आने वाले व्यवहार के समतुल्य धनराशि की प्रति पूर्ति की जाएगी|
- यदि ऐसी चिकित्सा शल्य क्रिया आदि के संदर्भ में संबंधित चिकित्सालय के सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा बीमारी के इलाज के लिए कोई अग्रदान दिया जाता है
- तो दिए गए आंगन के आधार पर संबंध संबंध चिकित्सालय को धनराशि का भुगतान किया जाएगा| अग्रिम धनराशि प्राप्त करने वाला चिकित्सालय इलाज के उपरांत संबंधित लाभार्थी की चिकित्सा पर आने वाले वास्तविक व्यय का विस्तृत विवरण 15 दिन के अंदर क्षेत्रीय पर श्रम आयुक्त के कार्यालय में प्रेषित करेगा तथा ऐसे विवरण की प्राप्ति के उपरांत क्षेत्रीय पर उपसर्मयुक्त संबंधित चिकित्सालय को अंतर्दन की राशि का भुगतान करेगा तथा यदि कोई धनराशि इलाज के उपरांत के चिकित्सालय के पास शेष बच रही है
- तो ऐसी धनराशि उक्त विवरण के साथ ही चिकित्सालय द्वारा क्षेत्रीय अपरूप श्रम आयुक्त कार्यालय में रेखांकित चेक बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से वापस प्रेषित कर दी जाएगी क्षेत्रीय अपर उप शर्मा युक्त ऐसी धनराशि को बोर्ड के योजना में के खाते में जमा कराएंगे तथा ऐसी वापस धन प्राप्त धनराशि को अपने लेख अभिलेखों में पुस्तक अंकित करते हुए इसकी रचना बोर्ड कार्यालय को तत्काल उपलब्ध कराएंगे|